हर माता पिता अपने बच्चो को पढ़ाते क्यों हैं ?

हर माता पिता अपने बच्चों को पढ़ाते क्यों हैं ? पेट पालन के बादपहली और अंतिम प्राथमिकता सिर्फ बच्चे ही रहते हैं कही न कही बच्चो की पढ़ाई  ही लक्ष्य होता हैं ,जिसमे पूंजीवादी सहित विधायिका(अफसरशाही), समाजवादी सभी अभिभावकों का उद्देश्य यही रहता हैं, फिर कोई अभिभावक सरकार से तर्क क्यों न करता हैं क्यों हर सरकारी भर्ती  लटकाई जाती हैं भर्ती लटकाने वाला अफसर क्या अभिभावक नही होता हैं समाज मे ऐसे भी लोग हैं जो अपने बच्चों को भी कामयाब और सफल होते नहीं देखना चाहते हैं भर्ती लटकाने वाले वही चंद लोग है ?, सरकारे ऐसे मौन रहती हैं जैसे कैबिनेट अनपढ़ हो उन्हें कुछ पता ही नहीं हैं, .......

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